भीषण गर्मी के बाद मानसून एक राहत लेकर आता है जो हमारे मन को तरोताजा कर देता है। यह आनंद, सौंदर्य और सांत्वना का मौसम है। हालांकि, कोई भी मौसम के नकारात्मक पहलू को नकार नहीं सकता है। यह मौसम कई इंफेक्शियस बीमारियां लेकर आता है क्योंकि यह मौसम भोजन से फैलने वाले कीटाणु के विकास को बढ़ावा देता है।
इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना और स्वस्थ आहार बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं से बचने और मौसम का पूरा आनंद लेने में मदद मिल सके।
इसका एक और उज्जवल पहलू, बरसात के मौसम में सब्जियों की उपलब्धता को माना जा सकता है। सभी को अपने आहार में मौसमी सब्जियों को शामिल करना चाहिए जो शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने और पोषण और इम्युनिटी का संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं।
यहां सब्जियों की वे किस्में दी गई हैं जिन्हें सीज़नल इन्फेक्शन से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने आहार चार्ट में शामिल करना चाहिए।
करेला या बिटर गॉर्ड विटामिन सी से भरपूर होता है और इसलिए इसे किसी के भोजन में शामिल करने के लिए सबसे अच्छी सब्जियों में से एक माना जाता है। करेला कीटनाशक है और शरीर को कीड़ों और पैरासाइट्स से बचाता है। यह सब्जी मौसम के दौरान फैलने वाले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परजीवियों को मारती है और पाचन तंत्र में सुधार करती है।
लौकी विटामिन बी, विटामिन सी, फॉस्फोरस और आयरन से भरपूर होती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होती है। यह सब्जी हृदय को स्वस्थ रखती है और ब्लड प्रेशर को उत्तेजित करती है। इसके अलावा, यह पाचन स्वास्थ्य को बढ़ाता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और शरीर को खाद्य जनित बीमारी (फ़ूड बॉर्न इलनेस) से दूर रखता है। सब्जी में एंटीबिलियस गुण भी होते हैं जो शरीर से अतिरिक्त पित्त को बाहर निकालने में मदद करते हैं। कोई इसका सेवन जूस के रूप में भी कर सकता है और किसी भी ब्रोन्कियल विकारों को रोक सकता है।
परवल एक और सब्जी है जिसका सेवन बरसात के मौसम में अवश्य करना चाहिए क्योंकि इसके कई चिकित्सीय लाभ हैं। इसके अलावा, यह सब्जी एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर होती है, जो बरसात के मौसम में कई इन्फेक्शन्स से लड़ने में मदद करती है। इसके अलावा, सब्जी का एंटीमाइक्रोबियल गुण रोगजनकों और रोगाणुओं के विकास को रोकता है। परवल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं।
इंडियन स्क्वैश या गोल तरबूज में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई और विटामिन सी होता है। यह सूजन और शरीर की जलन को कम करने में मदद करता है। यह सब्जी बायोएक्टिव यौगिकों से भरी होती है। टिंडा में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है और इसमें पानी की मात्रा भी अधिक होती है। इसमें मौजूद आहारीय फाइबर पाचन में सहायता करते हैं।
हालांकि बहुत से लोग मशरूम खाने से बचते हैं क्योंकि वे नम मिट्टी में उगते हैं, लेकिन वे स्वास्थ्यवर्धक एंटीऑक्सीडेंट से भरे होते हैं। इनमें इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने का भी गुण होता है । व्यक्ति बटन मशरूम को अच्छी तरह से धोने और पकाने के बाद ही खा सकते हैं।
जो लोग मानसून में स्वस्थ आहार लेना चाहते हैं उन्हें मूली को अपने आहार का हिस्सा बनाना चाहिए। यह एक रुट वाली सब्जी है जो टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है और पेट को इन्फेक्ट होने से बचाती है। इसके अलावा, सब्जी प्रतिरक्षा में सुधार करती है।
बीटरूट फाइबर, मैंगनीज, आयरन, विटामिन सी और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे पोषण का पावरहाउस माना जाता है जो शरीर को संक्रामक (इंफेक्शियस) बीमारियों से बचाता है। इसके अलावा, सब्जी आंत (गट) के माइक्रोबायोम को विनियमित करने में प्रभावी भूमिका निभाती है। इसके अलावा, सब्जी में मौजूद यौगिक आंतों द्वारा अच्छे से अवशोषित होते हैं ।
लौकी पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है और इन्फेक्शन को शरीर से दूर रखती है। इसमें फाइबर, प्रोटीन और आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। यह माना जाता है कि इसमें रेचक (लैक्सेटिव), ज्वरनाशक (एंटीपायरिटिक)और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हर किसी को अपने दैनिक आहार में लौकी को निश्चित रूप से शामिल करना चाहिए क्योंकि यह सूजन संबंधी बीमारियों से बचाता है और शरीर के उच्च तापमान को कम करने में मदद करता है।
एलीफैंट फ़ुट याम अधिकतर मानसून के मौसम में उगता है। यह सब्जी फाइबर, कार्ब्स और प्रोटीन से भरपूर होती है। यह मैग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक, कैल्शियम, फॉस्फोरस आदि जैसे ट्रेस तत्वों का आदर्श स्रोत है। इसके अलावा, गैस्ट्रो काइनेटिक गुण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं में सुधार करने में मदद करता है।
तुरई डाइटरी फाइबर, सेलूलोज़, अमीनो एसिड, कैरोटीन, प्रोटीन आदि से भरपूर होती है। यह बरसात के मौसम में खाने के लिए सबसे अच्छी सब्जियों में से एक है क्योंकि इसमें खांसी को कम करने और लिम्फ ग्रंथियों की सूजन को ठीक करने के गुण होते हैं। इसके अलावा, यह सूजन को रोकने में मदद करता है। इस सब्जी में पानी की मात्रा भी अधिक होती है और यह एक प्राकृतिक डिटॉक्सीफायर है, जो टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करती है और पेट को आराम देती है।
आइवी गॉर्ड मानसून के मौसम की सब्जियों में से एक है और यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है जो खांसी, एलर्जी और बुखार से बचाती है। इसके अलावा, यह ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए आदर्श है।
स्वस्थ आहार योजना का पालन करने से मानसून के दौरान कई सामान्य संक्रामक बीमारियों से बचाव होगा। हालांकि, वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जो किसी भी बीमारी के इलाज के दौरान तनावग्रस्त हो सकती है, एक व्यक्ति को मॉनसून इंश्योरेंस कवर का विकल्प चुनना चाहिए ।
जो व्यक्ति मामूली प्रीमियम पर पर्याप्त कवरेज प्राप्त करना चाहते हैं, वे बजाज मार्केट्स पर योजना का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें मेडिकल कॉस्ट और कमरे के किराये के लिए कवरेज मिलेगा।
मानसून सुहाना होता है । हालांकि, इससे वायरल इन्फेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह बारिश के मौसम में सब्जियों को अपने आहार में शामिल करें। जिन व्यक्तियों को इस मौसम में डेंगू जैसी संक्रामक बीमारी हो गई है, वे डेंगू इंश्योरेंस कवर का विकल्प चुन सकते हैं ।
हां, मानसून में खीरा खाया जा सकता है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है और यह अपने ठंडे गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा है। इसके अलावा, खीरे में एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करती है।
आमतौर पर सलाह दी जाती है कि बरसात के मौसम में पत्तेदार सब्जियां न खाएं क्योंकि इनमें कंटैमिनेशन का खतरा होता है और गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा होता है। हालांकि, उचित धुलाई से ऐसे कंटैमिनेशन को रोका जा सकता है।
मानसून के दौरान मसालेदार और तैलीय भोजन खाने से बचना चाहिए क्योंकि इन्हें पचाना मुश्किल होता है। किसी भी संक्रामक रोग से बचने के लिए पालक, पत्तागोभी, सी फ़ूड आदि खाने से भी बचना चाहिए।
मानसून का मौसम विभिन्न संक्रामक रोगों जैसे डेंगू, कॉलेरा , मलेरिया, चिकनगुनिया, लेप्टोस्पायरोसिस, इन्फ्लूएंजा आदि के साथ आता है।
संक्रामक रोगों को रोकने और प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा संभव तरीका एक कप हर्बल चाय पीना है। हर्बल चाय में मौजूद विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं और पुरानी बीमारी विकसित होने की संभावना को कम करते हैं।